नुशूर वाहिदी
ग़ज़ल 58
नज़्म 6
अशआर 33
ज़िंदगी क़रीब है किस क़दर जमाल से
जब कोई सँवर गया ज़िंदगी सँवर गई
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
ज़िंदगी परछाइयाँ अपनी लिए
आइनों के दरमियाँ से आई है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
हस्ती का नज़ारा क्या कहिए मरता है कोई जीता है कोई
जैसे कि दिवाली हो कि दिया जलता जाए बुझता जाए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
पुस्तकें 38
चित्र शायरी 6
वीडियो 16
This video is playing from YouTube