हास्य-व्यंग्य
हास्य और व्यंग्य असल में समाज की असमानताओं से फूटता है। अगर किसी समाज को सही ढंग से जानना हो तो उस समाज में लिखा गया हास्यात्मक, व्यंग्यात्मक साहित्य पढ़ना चाहिए। उर्दू में भी हास्यात्मक और व्यंग्यात्मक साहित्य की शानदार परंपरा रही है। मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी, पतरस बुख़ारी, रशीद अहमद सिद्दीक़ी और बेशुमार अदीबों ने बेहतरीन हास्यात्मक, व्यंग्यात्मक लेख लिखे हैं। रेख़्ता पर ये गोशा उर्दू में लिखे गए ख़ूबसूरत और मशहूर मज़ाहिया और तन्ज़िया लेखों से आबाद है। पढ़िए और ज़िंदगी को ख़ुशगवार बनाइऐ।
प्रमुख पाकिस्तानी हास्य-व्यंगकार और कहानीकार, अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं.
विश्व-विख्यात उर्दू कहानीकार l 'ठंडा गोश्त', 'खोल दो', 'टोबा टेक सिंह', 'बू' आदि के रचयिता
लोकप्रिय नाटककार,‘अनारकली’ जैसे उत्कृष्ट नाटक के रचनाकार, बच्चों की कहानियों के साथ व्यंग भी लिखा और चचा छक्कन जैसा अमर पात्र यादगार छोड़ा.
रूमानी अंदाज़ की कहानियाँ लिखनेवाली अहम महिला कथाकार,कृश्न चंदर की पत्नी।