इमाम बख़्श नासिख़ की टॉप 20 शायरी
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सियह-बख़्ती में कब कोई किसी का साथ देता है
कि तारीकी में साया भी जुदा रहता है इंसाँ से
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टैग : इंतिज़ार
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टैग : अंगड़ाई
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माशूक़ों से उम्मीद-ए-वफ़ा रखते हो 'नासिख़'
नादाँ कोई दुनिया में नहीं तुम से ज़ियादा
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टैग : दुनिया
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टैग : इंतिज़ार
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लेते लेते करवटें तुझ बिन जो घबराता हूँ मैं
नाम ले ले कर तिरा रातों को चिल्लाता हूँ मैं
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टैग : ज़ुल्फ़
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टैग : मौत
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किस तरह छोड़ूँ यकायक तेरी ज़ुल्फ़ों का ख़याल
एक मुद्दत के ये काले नाग हैं पाले हुए
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