फ़ेमस शायरी
ये सारे अशआर आप सबने पढ़े या सुने होंगे। इन अशआर ने एक तरह से ज़र्ब-उल-मसल की हैसियत पा ली है। उनमें से बहुत से अशआर आपको याद भी होंगे, लेकिन अपने इन पसंदीदा अशआर को एक जगह देखना यक़ीनन आपके लिए ख़ुशी का बाइस होगा।
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
sorrows other than love's longing does this life provide
comforts other than a lover's union too abide
कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब
आज तुम याद बे-हिसाब आए
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन
दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे
how do I hide the obvious, which from my face is clear
as you wish me to be seen, how do I thus appear
इश्क़ ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया
वर्ना हम भी आदमी थे काम के
Ghalib, a worthless person, this love has made of me
otherwise a man of substance I once used to be
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है
हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम
वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता
I do suffer slander, when I merely sigh
she gets away with murder, no mention of it nigh
-
टैग : फ़िल्मी शेर
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं
पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें
बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं
अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं
-
टैग्ज़ : प्रेरणादायकऔर 1 अन्य
होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है
एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं
मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया
-
टैग्ज़ : प्रेरणादायकऔर 5 अन्य
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता
she would have had compulsions surely
faithless without cause no one can be
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं
तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख
agreed I am not worthy of your vision divine
behold my zeal, my passion see how I wait and pine
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले
I have a thousand yearnings , each one afflicts me so
Many were fulfilled for sure, not enough although
अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ
अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ
ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का है नाम
मुर्दा-दिल ख़ाक जिया करते हैं
-
टैग्ज़ : ज़र्बुल-मसलऔर 2 अन्य
न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन
उसे इक ख़ूब-सूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा
-
टैग्ज़ : प्रेरणादायकऔर 2 अन्य
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के
वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के
जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा
किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं
हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं
-
टैग्ज़ : प्रेरणादायकऔर 2 अन्य
इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ
मिरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ
राह-ए-दूर-ए-इश्क़ में रोता है क्या
आगे आगे देखिए होता है क्या
-
टैग्ज़ : प्रसिद्ध मिसरेऔर 1 अन्य
ये जब्र भी देखा है तारीख़ की नज़रों ने
लम्हों ने ख़ता की थी सदियों ने सज़ा पाई
उम्र-ए-दराज़ माँग के लाई थी चार दिन
दो आरज़ू में कट गए दो इंतिज़ार में
a long life, four days in all, I did negotiate
two were spent in hope and two were spent in wait
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता
-
टैग : फ़िल्मी शेर
बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना
जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता
पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है
जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है
-
टैग : फ़िल्मी शेर
ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया
Love your sad conclusion makes me weep
Wonder why your mention makes me weep
नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आती
मगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं
ग़ैरों से कहा तुम ने ग़ैरों से सुना तुम ने
कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सुना होता
यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं
मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे
हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी
जिस को भी देखना हो कई बार देखना
वो बात सारे फ़साने में जिस का ज़िक्र न था
वो बात उन को बहुत ना-गवार गुज़री है
-
टैग्ज़ : ज़र्बुल-मसलऔर 1 अन्य
दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं
कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं
सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ
तुम मुख़ातिब भी हो क़रीब भी हो
तुम को देखें कि तुम से बात करें
close to me you are there
should I speak or should I stare/see
कह रहा है शोर-ए-दरिया से समुंदर का सुकूत
जिस का जितना ज़र्फ़ है उतना ही वो ख़ामोश है
the river's raging is advised by the tranquil sea
the greater power you possess, the quieter you be
कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से
ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो
तुम ज़माने की राह से आए
वर्ना सीधा था रास्ता दिल का
संबंधित विषय
- अंगड़ाई
- अदा
- आईना
- आँख
- आशिक़
- आहट
- इंतिज़ार
- इश्क़
- उदासी
- ख़त
- ख़ुदी
- ग़म
- जुदाई
- ज़र्बुल-मसल
- तौबा
- दुनिया
- दर्द
- दिल
- दीवानगी
- धोखा
- नशा
- निगाह
- नींद
- प्रेरणादायक
- प्रसिद्ध मिसरे
- फ़ेमस शायरी
- फ़ासला
- फ़िल्मी शेर
- बेख़ुदी
- मय-कशी
- मायूसी
- मोहब्बत
- मौत
- याद
- याद-ए-रफ़्तगाँ
- रात
- रोमांटिक
- लव
- वैलेंटाइन डे
- विदाई
- विसाल
- शेर
- शराब
- सुकून
- साक़ी
- हुस्न
- हिचकी
- हिज्र