संपूर्ण
परिचय
ग़ज़ल89
नज़्म150
शेर85
ई-पुस्तक224
टॉप 20 शायरी 20
चित्र शायरी 54
ऑडियो 95
वीडियो314
क़ितआ37
क़िस्सा3
लेख3
गेलरी 21
ब्लॉग4
अन्य
अनुवाद7
लोरी1
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल 89
नज़्म 150
अशआर 85
दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
- 
                                                            शेयर कीजिए
 - ग़ज़ल देखिए
 
कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब
आज तुम याद बे-हिसाब आए
- 
                                                            शेयर कीजिए
 - ग़ज़ल देखिए
 
और क्या देखने को बाक़ी है
आप से दिल लगा के देख लिया
- 
                                                            शेयर कीजिए
 - ग़ज़ल देखिए
 
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के
वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के
- 
                                                            शेयर कीजिए
 - ग़ज़ल देखिए
 
क़ितआ 37
क़िस्सा 3
लेख 3
लोरी 1
पुस्तकें 224
चित्र शायरी 54
वीडियो 314
                        This video is playing from YouTube