इंतिज़ार शायरी
इंतिज़ार ख़ास अर्थों में दर्दनाक होता है । इसलिए इस को तकलीफ़-देह कैफ़ियत का नाम दिया गया है । जीवन के आम तजरबात से अलग इंतिज़ार उर्दू शाइरी के आशिक़ का मुक़द्दर है । आशिक़ जहाँ अपने महबूब के इंतिज़ार में दोहरा हुआ जाता है वहीं उस का महबूब संग-दिल ज़ालिम, ख़ुद-ग़रज़, बे-वफ़ा, वादा-ख़िलाफ़ और धोके-बाज़ होता है । इश्क़ और प्रेम के इस तय-शुदा परिदृश्य ने उर्दू शाइरी में नए-नए रूपकों का इज़ाफ़ा किया है और इंतिज़ार के दुख को अनन्त-दुख में ढाल दिया है । यहाँ प्रस्तुत संकलन को पढ़िए और इंतिज़ार की अलग-अलग कैफ़ियतों को महसूस कीजिए ।
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं
तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख
agreed I am not worthy of your vision divine
behold my zeal, my passion see how I wait and pine
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इक रात वो गया था जहाँ बात रोक के
अब तक रुका हुआ हूँ वहीं रात रोक के
ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले
चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले
न कोई वा'दा न कोई यक़ीं न कोई उमीद
मगर हमें तो तिरा इंतिज़ार करना था
no promise,surety, nor any hope was due
yet I had little choice but to wait for you
वो आ रहे हैं वो आते हैं आ रहे होंगे
शब-ए-फ़िराक़ ये कह कर गुज़ार दी हम ने
जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ
उस ने सदियों की जुदाई दी है
जान-लेवा थीं ख़्वाहिशें वर्ना
वस्ल से इंतिज़ार अच्छा था
कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी
सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी
कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा
मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा
मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ नक़ाब ख़ुद
उन को ये इंतिज़ार तक़ाज़ा करे कोई
I had hoped she would unveil at her own behest
and she waits for someone to make a request
आप का ए'तिबार कौन करे
रोज़ का इंतिज़ार कौन करे
who can depend on what you say?
who will wait each every day?
वो न आएगा हमें मालूम था इस शाम भी
इंतिज़ार उस का मगर कुछ सोच कर करते रहे
ग़ज़ब किया तिरे वअ'दे पे ए'तिबार किया
तमाम रात क़यामत का इंतिज़ार किया
इस उम्मीद पे रोज़ चराग़ जलाते हैं
आने वाले बरसों ब'अद भी आते हैं
ये कैसा नश्शा है मैं किस अजब ख़ुमार में हूँ
तू आ के जा भी चुका है मैं इंतिज़ार में हूँ
सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी
तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी
हमें भी आज ही करना था इंतिज़ार उस का
उसे भी आज ही सब वादे भूल जाने थे
कहीं वो आ के मिटा दें न इंतिज़ार का लुत्फ़
कहीं क़ुबूल न हो जाए इल्तिजा मेरी
let her not come to me and this pleasure destroy
let not my prayers be answered, for waiting is a joy
अब इन हुदूद में लाया है इंतिज़ार मुझे
वो आ भी जाएँ तो आए न ऐतबार मुझे
मैं लौटने के इरादे से जा रहा हूँ मगर
सफ़र सफ़र है मिरा इंतिज़ार मत करना
intent on returning
a journey is a journey so do not wait for me
वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा
तो इंतिज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से मैं
ये इंतिज़ार नहीं शम्अ है रिफ़ाक़त की
इस इंतिज़ार से तन्हाई ख़ूब-सूरत है
मुझे ख़बर थी मिरा इंतिज़ार घर में रहा
ये हादसा था कि मैं उम्र भर सफ़र में रहा
बाग़-ए-बहिश्त से मुझे हुक्म-ए-सफ़र दिया था क्यूँ
कार-ए-जहाँ दराज़ है अब मिरा इंतिज़ार कर
Why did you bid me leave from paradise for now
My work is yet unfinished here so you wil have to wait
इक उम्र कट गई है तिरे इंतिज़ार में
ऐसे भी हैं कि कट न सकी जिन से एक रात
ये दाग़ दाग़ उजाला ये शब-गज़ीदा सहर
वो इंतिज़ार था जिस का ये वो सहर तो नहीं
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शब-ए-इंतिज़ार की कश्मकश में न पूछ कैसे सहर हुई
कभी इक चराग़ जला दिया कभी इक चराग़ बुझा दिया
मैं ने समझा था कि लौट आते हैं जाने वाले
तू ने जा कर तो जुदाई मिरी क़िस्मत कर दी
आधी से ज़ियादा शब-ए-ग़म काट चुका हूँ
अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बड़ी है
कोई आया न आएगा लेकिन
क्या करें गर न इंतिज़ार करें
she came not, nor is likely to
save waiting what else can I do
अब कौन मुंतज़िर है हमारे लिए वहाँ
शाम आ गई है लौट के घर जाएँ हम तो क्या
आने में सदा देर लगाते ही रहे तुम
जाते रहे हम जान से आते ही रहे तुम
Delay in arriving always managed to contrive
this world I was leaving, yet you didn't arrive
मुद्दत से ख़्वाब में भी नहीं नींद का ख़याल
हैरत में हूँ ये किस का मुझे इंतिज़ार है
कमाल-ए-इश्क़ तो देखो वो आ गए लेकिन
वही है शौक़ वही इंतिज़ार बाक़ी है
जिसे न आने की क़स्में मैं दे के आया हूँ
उसी के क़दमों की आहट का इंतिज़ार भी है
फिर बैठे बैठे वादा-ए-वस्ल उस ने कर लिया
फिर उठ खड़ा हुआ वही रोग इंतिज़ार का
अल्लाह रे बे-ख़ुदी कि तिरे पास बैठ कर
तेरा ही इंतिज़ार किया है कभी कभी
o lord! There are times when such is my raptured state
even though I am with you, and yet for you I wait
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अब ख़ाक उड़ रही है यहाँ इंतिज़ार की
ऐ दिल ये बाम-ओ-दर किसी जान-ए-जहाँ के थे
तमाम उम्र तिरा इंतिज़ार हम ने किया
इस इंतिज़ार में किस किस से प्यार हम ने किया