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ग़ज़ल 86
शेर 341
आप पहलू में जो बैठें तो सँभल कर बैठें
दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की
when you come into my arms you should be aware
my restless heart is wont to leap, it may give you a scare
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टैग : दिल
तसद्दुक़ इस करम के मैं कभी तन्हा नहीं रहता
कि जिस दिन तुम नहीं आते तुम्हारी याद आती है
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टैग : याद
बात उल्टी वो समझते हैं जो कुछ कहता हूँ
अब की पूछा तो ये कह दूँगा कि हाल अच्छा है
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टैग : फ़ेमस शायरी
ये जो सर नीचे किए बैठे हैं
जान कितनों की लिए बैठे हैं
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टैग : अदा