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ग़ज़ल 45
शेर 25
याद-ए-माज़ी अज़ाब है या-रब
छीन ले मुझ से हाफ़िज़ा मेरा
क़ितआ 74
रुबाई 24
पुस्तकें 35
चित्र शायरी 3
अब कहाँ हूँ कहाँ नहीं हूँ मैं जिस जगह हूँ वहाँ नहीं हूँ मैं कौन आवाज़ दे रहा है मुझे? कोई कह दो यहाँ नहीं हूँ मैं