सैफ़ुद्दीन सैफ़ के शेर
चलो मय-कदे में बसेरा ही कर लो
न आना पड़ेगा न जाना पड़ेगा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
जी नहीं आप से क्या मुझ को शिकायत होगी
हाँ मुझे तल्ख़ी-ए-हालात पे रोना आया
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
क्यूँ उजड़ जाती है दिल की महफ़िल
ये दिया कौन बुझा देता है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
क्या क़यामत है हिज्र के दिन भी
ज़िंदगी में शुमार होते हैं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
दिल-ए-नादाँ तिरी हालत क्या है
तू न अपनों में न बेगानों में
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आज की रात वो आए हैं बड़ी देर के ब'अद
आज की रात बड़ी देर के ब'अद आई है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कभी जिगर पे कभी दिल पे चोट पड़ती है
तिरी नज़र के निशाने बदलते रहते हैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मेरा होना भी कोई होना है
मेरी हस्ती भी कोई हस्ती है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
'सैफ़' अंदाज़-ए-बयाँ रंग बदल देता है
वर्ना दुनिया में कोई बात नई बात नहीं
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ऐसे लम्हे भी गुज़ारे हैं तिरी फ़ुर्क़त में
जब तिरी याद भी इस दिल पे गिराँ गुज़री है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ज़िंदगी किस तरह कटेगी 'सैफ़'
रात कटती नज़र नहीं आती
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
क़रीब-ए-नज़'अ भी क्यूँ चैन ले सके कोई
नक़ाब रुख़ से उठा लो तुम्हें किसी से क्या
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
दिल ने पाया क़रार पहलू में
गर्दिश-ए-काएनात ख़त्म हुई
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
बोले वो कुछ ऐसी बे-रुख़ी से
दिल ही में रहा सवाल अपना
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
पास आए तो और हो गए दूर
ये कितने अजीब फ़ासले हैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तुम को बेगाने भी अपनाते हैं मैं जानता हूँ
मेरे अपने भी पराए हैं तुम्हें क्या मालूम
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कोई ऐसा अहल-ए-दिल हो कि फ़साना-ए-मोहब्बत
मैं उसे सुना के रोऊँ वो मुझे सुना के रोए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ग़म-गुसारो बहुत उदास हूँ मैं
आज बहला सको तो आ जाओ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
तुम्हारे ब'अद ख़ुदा जाने क्या हुआ दिल को
किसी से रब्त बढ़ाने का हौसला न हुआ
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
उस मुसाफ़िर की नक़ाहत का ठिकाना क्या है
संग-ए-मंज़िल जिसे दीवार नज़र आने लगे
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
दिल-ए-वीराँ को देखते क्या हो
ये वही आरज़ू की बस्ती है
तुम ने दीवाना बनाया मुझ को
लोग अफ़्साना बनाएँगे तुम्हें
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
जिस दिन से भुला दिया है तू ने
आता ही नहीं ख़याल अपना
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कैसे जीते हैं ये किस तरह जिए जाते हैं
अहल-ए-दिल की बसर-औक़ात पे रोना आया
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हमें ख़बर है वो मेहमान एक रात का है
हमारे पास भी सामान एक रात का है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कितने अंजान हैं क्या सादगी से पूछते हैं
कहिए क्या मेरी किसी बात पे रोना आया
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
रात गुज़रे न दर्द-ए-दिल ठहरे
कुछ तो बढ़ जाए कुछ तो घट जाए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
थकी थकी सी फ़ज़ाएँ बुझे बुझे तारे
बड़ी उदास घड़ी है ज़रा ठहर जाओ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मिरी दास्तान-ए-हसरत वो सुना सुना के रोए
मिरे आज़माने वाले मुझे आज़मा के रोए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
आप ठहरे हैं तो ठहरा है निज़ाम-ए-आलम
आप गुज़रे हैं तो इक मौज-ए-रवाँ गुज़री है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ये आलाम-ए-हस्ती ये दौर-ए-ज़माना
तो क्या अब तुम्हें भूल जाना पड़ेगा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
'सैफ़' पी कर भी तिश्नगी न गई
अब के बरसात और ही कुछ थी
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
दुश्मन गए तो कशमकश-ए-दोस्ती गई
दुश्मन गए कि दोस्त हमारे चले गए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
शोर दिन को नहीं सोने देता
शब को सन्नाटा जगा देता है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
कितना बेकार तमन्ना का सफ़र होता है
कल की उम्मीद पे हर आज बसर होता है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
शायद तुम्हारे साथ भी वापस न आ सकें
वो वलवले जो साथ तुम्हारे चले गए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
फूल इस ख़ाक-दाँ के हम भी हैं
मुद्दई दो जहाँ के हम भी हैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
हुस्न जल्वा दिखा गया अपना
इश्क़ बैठा रहा उदास कहीं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
अपनी वुसअत में खो चुका हूँ मैं
राह दिखला सको तो आ जाओ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड