बंदिशें इश्क़ में दुनिया से निराली देखें
दिल तड़प जाए मगर लब न हिलाए कोई
आले रज़ा रज़ा की गिनती अपने दौर के उस्ताद शाइरों में होती थी. उनकी शाइरी की विशेषता लखनऊ की विशिष्ट भाषाई परम्परा को बरतने में है. आले रज़ा रज़ा 10 जून 1896 को नेवतनी ज़िला उन्नाव उ.प्र. में पैदा हुए. केनिंग कालेज लखनऊ से बी.ए. किया और 1920 में ला कालेज इलाहाबाद से एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की. लखनऊ और प्रतापगढ़ में वकालत की. विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गये. एक मार्च 1978 को कराची में देहांत हुआ.