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ग़ज़ल 82
शेर 96
दिल अभी पूरी तरह टूटा नहीं
दोस्तों की मेहरबानी चाहिए
my heartbreak's not complete, it pends
I need some favours from my friends
ऐ ग़म-ए-ज़िंदगी न हो नाराज़
मुझ को आदत है मुस्कुराने की
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- ग़ज़ल देखिए
मैं मय-कदे की राह से हो कर निकल गया
वर्ना सफ़र हयात का काफ़ी तवील था
बढ़ के तूफ़ान को आग़ोश में ले ले अपनी
डूबने वाले तिरे हाथ से साहिल तो गया
क़ितआ 50
पुस्तकें 24
चित्र शायरी 9
मायूस हो गई है दुआ भी जबीन भी उठने लगा है दिल से ख़ुदा का यक़ीन भी तस्कीं की एक साँस हमें बख़्श दीजिए ये आसमाँ भी आप का और ये ज़मीन भी
वीडियो 13
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