अब्दुल मजीद सालिक का परिचय
अब नहीं जन्नत मशाम-ए-कूचा-ए-यार की शमीम
निकहत-ए-ज़ुल्फ़ क्या हुई बाद-ए-सबा को क्या हुआ
सालिक, अब्दुल मजीद (1894-1959) प्रमुख साहित्यिक आलोचकों और पत्रकारों में शामिल। कई अख़बारों और पत्रिकाओं का संपादन किया। इक़बाल की शाइरी की व्याख्याके लिए मशहूर। शाइरी में ‘दाग़ देहलवी के प्रमुख शार्गिद, हयात बख़्श‘रसा’ के शार्गिद थे।