अब्दुल मन्नान तरज़ी
ग़ज़ल 24
नज़्म 1
अशआर 8
क्या यहाँ देखिए क्या वहाँ देखिए
आप ही आप हैं अब जहाँ देखिए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
ख़ून जब अश्क में ढलता है ग़ज़ल होती है
जब भी दिल रंग बदलता है ग़ज़ल होती है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
इक क़यामत है आप का वा'दा
चलिए ये भी अज़ाब हो जाए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
दर्द का सिलसिला है जहाँ तक
दिल की जागीर होगी वहाँ तक
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
तेरी यादों के लम्हे भी बेदर्द थे
तुझ को मुझ से चुराते रहे रात-भर
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
पुस्तकें 50
वीडियो 5
This video is playing from YouTube