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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Absar Abdul Ali's Photo'

अबसार अब्दुल अली

अबसार अब्दुल अली के शेर

वक़्त-ए-रुख़्सत भीगती पलकों का मंज़र याद है

फूल सी आँखों में शबनम की नमी अच्छी लगी

अपने दिल में आप ही रहता है वो

दूसरा क्या उस में रह सकता नहीं

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