Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
noImage

आगाह देहलवी

1839 - 1917 | दिल्ली, भारत

आगाह देहलवी के शेर

उस की बेटी ने उठा रक्खी है दुनिया सर पर

ख़ैरियत गुज़री कि अँगूर के बेटा हुआ

मैं ने सवाल-ए-वस्ल जो उन से किया कभी

बोले नसीब में है तो हो जाएगा कभी

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए