Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

आईरीन फ़रहत

ग़ज़ल 5

 

अशआर 2

ख़ुशी का एक ही लम्हा था अपनी ज़िंदगी में

सख़ी ऐसे कि वो भी दूसरों के नाम कर आए

  • शेयर कीजिए

वहीं पे टूटने लगता है ऐतबार-ए-वफ़ा

जहाँ यक़ीन ज़्यादा दिलाए जाते हैं

  • शेयर कीजिए
 

"कराची" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए