अलीम अफ़सर
ग़ज़ल 6
अशआर 3
तुयूर थे जो घोंसलों में पैकरों के उड़ गए
अकेले रह गए हैं अपने ख़्वाब के मकाँ में हम
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere