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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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Ali Sardar Jafri's Photo'

अली सरदार जाफ़री

1913 - 2000 | मुंबई, भारत

अग्रणी प्रगतिशील शायरों में शामिल/आलोचक, बुद्धिजीवी और साहित्यिक पत्रिका ‘गुफ़्तुगू’ के संपादक/भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित/उर्दू शायरों पर टीवी सीरियलों के निर्माता

अग्रणी प्रगतिशील शायरों में शामिल/आलोचक, बुद्धिजीवी और साहित्यिक पत्रिका ‘गुफ़्तुगू’ के संपादक/भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित/उर्दू शायरों पर टीवी सीरियलों के निर्माता

अली सरदार जाफ़री के ऑडियो

ग़ज़ल

अक़ीदे बुझ रहे हैं शम-ए-जाँ ग़ुल होती जाती है

अली सरदार जाफ़री

काम अब कोई न आएगा बस इक दिल के सिवा

अली सरदार जाफ़री

शिकस्त-ए-शौक़ को तकमील-ए-आरज़ू कहिए

अली सरदार जाफ़री

नज़्म

गुफ़्तुगू (हिन्द पाक दोस्ती के नाम)

नोमान शौक़

तुम नहीं आए थे जब

अली सरदार जाफ़री

दो चराग़

नोमान शौक़

प्यास भी एक समंदर है

नोमान शौक़

बहुत क़रीब हो तुम

नोमान शौक़

मेरा सफ़र

अली सरदार जाफ़री

मेरा सफ़र

नोमान शौक़

चाँद को रुख़्सत कर दो

अली सरदार जाफ़री

निवाला

नोमान शौक़

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