Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Allama Iqbal's Photo'

अल्लामा इक़बाल

1877 - 1938 | लाहौर, पाकिस्तान

महान उर्दू शायर, पाकिस्तान के राष्ट्र-कवि जिन्होंने 'सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा' और 'लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी' जैसे गीतों की रचना की

महान उर्दू शायर, पाकिस्तान के राष्ट्र-कवि जिन्होंने 'सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा' और 'लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी' जैसे गीतों की रचना की

अल्लामा इक़बाल के वीडियो

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायरी वीडियो

अल्लामा इक़बाल

Mohd. Iqbal - Zubaan-e-Ishq

मुज़फ्फर अली

वीडियो का सेक्शन
अन्य वीडियो

ज़ुल्फ़िक़ार अली बुख़ारी

ज़ुल्फ़िक़ार अली बुख़ारी

ज़ुल्फ़िक़ार अली बुख़ारी

ज़ुल्फ़िक़ार अली बुख़ारी

ज़ुल्फ़िक़ार अली बुख़ारी

ज़ुल्फ़िक़ार अली बुख़ारी

अज्ञात

मक़सूद अली ख़ान

उमैर मंज़र

फ़रीदा ख़ानम

फ़रीदा ख़ानम

ज़ुल्फ़िक़ार अली बुख़ारी

aarzoo hai ke nazar aai Mera Mah-e-tamam

aarzoo hai ke nazar aai Mera Mah-e-tamam ग़ुलाम अली

Allama Iqbal

Allama Iqbal ज़िया मोहीउद्दीन

Allama Iqbal Urdu & Farsi Nazam

Allama Iqbal Urdu & Farsi Nazam अज्ञात

Apna maqaam paida kar

Apna maqaam paida kar राहत फ़तह अली

Jawab-e-Khizr

Jawab-e-Khizr ग़ुलाम अली

Reading a poetry by Allama Iqbal

Reading a poetry by Allama Iqbal ज़िया मोहीउद्दीन

shikwa jawab-e-shikwa

shikwa jawab-e-shikwa टीना सानी

Yeh gumbad-e-minayi yeh alam-e-tanhai

Yeh gumbad-e-minayi yeh alam-e-tanhai मलिका पुखराज

अनोखी वज़्अ है सारे ज़माने से निराले हैं

अनोखी वज़्अ है सारे ज़माने से निराले हैं ज़िया मोहीउद्दीन

अफ़्लाक से आता है नालों का जवाब आख़िर

अफ़्लाक से आता है नालों का जवाब आख़िर ज़िया मोहीउद्दीन

कभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुंतज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में

कभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुंतज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में ज़िया मोहीउद्दीन

ज़माना आया है बे-हिजाबी का आम दीदार-ए-यार होगा

ज़माना आया है बे-हिजाबी का आम दीदार-ए-यार होगा ज़िया मोहीउद्दीन

जवाब-ए-शिकवा

जवाब-ए-शिकवा अज्ञात

जिब्रईल-ओ-इबलीस

जिब्रईल-ओ-इबलीस शम्सुर रहमान फ़ारूक़ी

ज़ौक़ ओ शौक़

ज़ौक़ ओ शौक़ ज़ुल्फ़िक़ार अली बुख़ारी

तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ

तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ ताहिरा सैयद

तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ

तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ ज़िया मोहीउद्दीन

दिल सोज़ से ख़ाली है निगह पाक नहीं है

दिल सोज़ से ख़ाली है निगह पाक नहीं है ज़िया मोहीउद्दीन

न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए

न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए ज़िया मोहीउद्दीन

नमाज़

नमाज़ हमीद नसीम

निगाह-ए-फ़क़्र में शान-ए-सिकंदरी क्या है

निगाह-ए-फ़क़्र में शान-ए-सिकंदरी क्या है ज़िया मोहीउद्दीन

फ़ितरत को ख़िरद के रू-ब-रू कर

फ़ितरत को ख़िरद के रू-ब-रू कर ज़मर्रुद बानो

फिर चराग़-ए-लाला से रौशन हुए कोह ओ दमन

फिर चराग़-ए-लाला से रौशन हुए कोह ओ दमन ज़िया मोहीउद्दीन

मजनूँ ने शहर छोड़ा तो सहरा भी छोड़ दे

मजनूँ ने शहर छोड़ा तो सहरा भी छोड़ दे ज़िया मोहीउद्दीन

लेनिन

लेनिन ज़ुल्फ़िक़ार अली बुख़ारी

ला फिर इक बार वही बादा ओ जाम ऐ साक़ी

ला फिर इक बार वही बादा ओ जाम ऐ साक़ी ज़िया मोहीउद्दीन

हादसा वो जो अभी पर्दा-ए-अफ़्लाक में है

हादसा वो जो अभी पर्दा-ए-अफ़्लाक में है मेहदी हसन

सीज़ा रॉय

मोहम्मद अली

अक़्ल गो आस्ताँ से दूर नहीं

अक़्ल गो आस्ताँ से दूर नहीं अज्ञात

अक़्ल गो आस्ताँ से दूर नहीं

अक़्ल गो आस्ताँ से दूर नहीं अज्ञात

अफ़्लाक से आता है नालों का जवाब आख़िर

अफ़्लाक से आता है नालों का जवाब आख़िर सलमान गनी

असर करे न करे सुन तो ले मिरी फ़रियाद

असर करे न करे सुन तो ले मिरी फ़रियाद अज्ञात

इक दानिश-ए-नूरानी इक दानिश-ए-बुरहानी

इक दानिश-ए-नूरानी इक दानिश-ए-बुरहानी अज्ञात

एजाज़ है किसी का या गर्दिश-ए-ज़माना

एजाज़ है किसी का या गर्दिश-ए-ज़माना तरन्नुम नाज़

कभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुंतज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में

कभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुंतज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में नुसरत फ़तह अली ख़ान

कभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुंतज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में

कभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुंतज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में ग़ुलाम अली

कभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुंतज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में

कभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुंतज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में अज्ञात

कभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुंतज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में

कभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुंतज़र नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में अज्ञात

ख़ुदी की शोख़ी ओ तुंदी में किब्र-ओ-नाज़ नहीं

ख़ुदी की शोख़ी ओ तुंदी में किब्र-ओ-नाज़ नहीं नोमान शौक़

ख़ुदी वो बहर है जिस का कोई किनारा नहीं

ख़ुदी वो बहर है जिस का कोई किनारा नहीं अज्ञात

ख़िज़्र-ए-राह

ख़िज़्र-ए-राह ज़ुल्फ़िक़ार अली बुख़ारी

ख़िरद के पास ख़बर के सिवा कुछ और नहीं

ख़िरद के पास ख़बर के सिवा कुछ और नहीं अज्ञात

ख़िरद के पास ख़बर के सिवा कुछ और नहीं

ख़िरद के पास ख़बर के सिवा कुछ और नहीं विठल राव

गेसू-ए-ताबदार को और भी ताबदार कर

गेसू-ए-ताबदार को और भी ताबदार कर अज्ञात

गेसू-ए-ताबदार को और भी ताबदार कर

गेसू-ए-ताबदार को और भी ताबदार कर फरीहा परवेज़

जब इश्क़ सिखाता है आदाब-ए-ख़ुद-आगाही

जब इश्क़ सिखाता है आदाब-ए-ख़ुद-आगाही अज्ञात

जावेद के नाम

जावेद के नाम नुसरत फ़तह अली ख़ान

जिब्रईल-ओ-इबलीस

जिब्रईल-ओ-इबलीस ज़ुल्फ़िक़ार अली बुख़ारी

ज़ौक़ ओ शौक़

ज़ौक़ ओ शौक़ मेहदी हसन

तू अभी रहगुज़र में है क़ैद-ए-मक़ाम से गुज़र

तू अभी रहगुज़र में है क़ैद-ए-मक़ाम से गुज़र जव्वाद अहमद

तू ऐ असीर-ए-मकाँ ला-मकाँ से दूर नहीं

तू ऐ असीर-ए-मकाँ ला-मकाँ से दूर नहीं आबिदा परवीन

तुझे याद क्या नहीं है मिरे दिल का वो ज़माना

तुझे याद क्या नहीं है मिरे दिल का वो ज़माना ज़मर्रुद बानो

तुझे याद क्या नहीं है मिरे दिल का वो ज़माना

तुझे याद क्या नहीं है मिरे दिल का वो ज़माना ख़ुर्शीद बेगम

तराना-ए-हिन्दी

तराना-ए-हिन्दी अज्ञात

तराना-ए-हिन्दी

तराना-ए-हिन्दी लता मंगेशकर

तुलू-ए-इस्लाम

तुलू-ए-इस्लाम ग़ुलाम अली

तस्वीर-ए-दर्द

तस्वीर-ए-दर्द अज्ञात

तारिक़ की दुआ

तारिक़ की दुआ अज्ञात

तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ

तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ अज्ञात

तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ

तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ ताहिरा सैयद

दिगर-गूँ है जहाँ तारों की गर्दिश तेज़ है साक़ी

दिगर-गूँ है जहाँ तारों की गर्दिश तेज़ है साक़ी अली रज़ा

न आते हमें इस में तकरार क्या थी

न आते हमें इस में तकरार क्या थी अज्ञात

न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए

न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए अज्ञात

न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए

न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए मक़सूद अली ख़ान

न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए

न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए मसूद राणा

न तख़्त-ओ-ताज में ने लश्कर-ओ-सिपाह में है

न तख़्त-ओ-ताज में ने लश्कर-ओ-सिपाह में है अज्ञात

नया शिवाला

नया शिवाला अब्दुल अहद साज़

निगाह-ए-फ़क़्र में शान-ए-सिकंदरी क्या है

निगाह-ए-फ़क़्र में शान-ए-सिकंदरी क्या है शौकत अली

परेशाँ हो के मेरी ख़ाक आख़िर दिल न बन जाए

परेशाँ हो के मेरी ख़ाक आख़िर दिल न बन जाए अज्ञात

फ़ितरत को ख़िरद के रू-ब-रू कर

फ़ितरत को ख़िरद के रू-ब-रू कर अज्ञात

फ़ितरत ने न बख़्शा मुझे अंदेशा-ए-चालाक

फ़ितरत ने न बख़्शा मुझे अंदेशा-ए-चालाक तरन्नुम नाज़

फिर चराग़-ए-लाला से रौशन हुए कोह ओ दमन

फिर चराग़-ए-लाला से रौशन हुए कोह ओ दमन नाहीद अख़्तर

बच्चे की दुआ

बच्चे की दुआ विविध

बच्चे की दुआ

बच्चे की दुआ अली ज़फ़र

मकतबों में कहीं रानाई-ए-अफ़कार भी है

मकतबों में कहीं रानाई-ए-अफ़कार भी है ज़ुल्फ़िक़ार अली बुख़ारी

मजनूँ ने शहर छोड़ा तो सहरा भी छोड़ दे

मजनूँ ने शहर छोड़ा तो सहरा भी छोड़ दे अज्ञात

मुझे आह-ओ-फ़ुग़ान-ए-नीम-शब का फिर पयाम आया

मुझे आह-ओ-फ़ुग़ान-ए-नीम-शब का फिर पयाम आया हामिद अली ख़ान

मता-ए-बे-बहा है दर्द-ओ-सोज़-ए-आरज़ूमंदी

मता-ए-बे-बहा है दर्द-ओ-सोज़-ए-आरज़ूमंदी अज्ञात

मेरी नवा-ए-शौक़ से शोर हरीम-ए-ज़ात में

मेरी नवा-ए-शौक़ से शोर हरीम-ए-ज़ात में मोहम्मद अली

मुसलमाँ के लहू में है सलीक़ा दिल-नवाज़ी का

मुसलमाँ के लहू में है सलीक़ा दिल-नवाज़ी का अज्ञात

मार्च 1907

मार्च 1907 ज़िया मोहीउद्दीन

मिटा दिया मिरे साक़ी ने आलम-ए-मन-ओ-तू

मिटा दिया मिरे साक़ी ने आलम-ए-मन-ओ-तू अज्ञात

मोहब्बत

मोहब्बत ज़िया मोहीउद्दीन

ये पयाम दे गई है मुझे बाद-ए-सुब्ह-गाही

ये पयाम दे गई है मुझे बाद-ए-सुब्ह-गाही शफ़क़त अमानत अली

ला फिर इक बार वही बादा ओ जाम ऐ साक़ी

ला फिर इक बार वही बादा ओ जाम ऐ साक़ी मेहदी हसन

ला फिर इक बार वही बादा ओ जाम ऐ साक़ी

ला फिर इक बार वही बादा ओ जाम ऐ साक़ी ज़िया मोहीउद्दीन

वही मेरी कम-नसीबी वही तेरी बे-नियाज़ी

वही मेरी कम-नसीबी वही तेरी बे-नियाज़ी नय्यरा नूर

वालिदा मरहूमा की याद में

वालिदा मरहूमा की याद में ज़ुल्फ़िक़ार अली बुख़ारी

शिकवा

शिकवा ज़िया मोहीउद्दीन

शिकवा

शिकवा नुसरत फ़तह अली ख़ान

शिकवा

शिकवा नुसरत फ़तह अली ख़ान

शिकवा

शिकवा नुसरत फ़तह अली ख़ान

शिकवा

शिकवा नुसरत फ़तह अली ख़ान

शिकवा

शिकवा नुसरत फ़तह अली ख़ान

शिकवा

शिकवा नुसरत फ़तह अली ख़ान

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं अज्ञात

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं राहत फ़तह अली

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं ज़िया मोहीउद्दीन

सीमा सहगल

सीमा सहगल सीमा सहगल

हज़ार ख़ौफ़ हो लेकिन ज़बाँ हो दिल की रफ़ीक़

हज़ार ख़ौफ़ हो लेकिन ज़बाँ हो दिल की रफ़ीक़ अज्ञात

हर शय मुसाफ़िर हर चीज़ राही

हर शय मुसाफ़िर हर चीज़ राही समीना ज़ाहिद

हिन्दुस्तानी बच्चों का क़ौमी गीत

हिन्दुस्तानी बच्चों का क़ौमी गीत अज्ञात

तराना-ए-हिन्दी

तराना-ए-हिन्दी विविध

परेशाँ हो के मेरी ख़ाक आख़िर दिल न बन जाए

परेशाँ हो के मेरी ख़ाक आख़िर दिल न बन जाए मेहदी हसन

शायरी वीडियो

अन्य वीडियो

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए