अलमास शबी उर्दू-पंजाबी की मक़बूल शायरा, नस्र-निगार और रेडियो-टीवी ऐंकर हैं। उनकी पत्रकारिता में एम. ए. और होम्योपैथिक मेडिकल की शिक्षा कराची, पाकिस्तान में हुई। इसके बाद वो अमेरिका चली गईं और वहीं से सौन्दर्य-प्रसाधन (Cosmetology) में डिग्री हासिल की। उनकी दो किताबें "अभी हम तुम्हारे हैं" (मुकालमा) और "मुहब्बत अज़ाब" (पंजाबी शायरी) प्रकाशित हो चुकी हैं और दो किताबें "देर सवेर तो हो जाती है" (उर्दू शायरी) और "कभी हम तुम्हारे थे" (मुकालमा) प्रकाशनाधीन हैं।
वो पंज रेडियो, अमेरिका की चीफ़ एग्ज़ीक्यूटिव और फ़ाउंडर हैं और एक तवील मुद्दत से "बज़्म-ए-अलमास शबी" प्रसारित कर रही हैं जिसमें कई शायर और अदीब शिरकत करते हैं और जो इंटरनेट के माध्यम से दुनिया-भर में सुना जाता है। अपने अदबी सफ़र के दौरान वो हिन्दुस्तान, इंग्लैंड, अबू ज़हबी, क़तर सहित कई देशों का सफ़र कर चुकी हैं और कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी हैं। इन दिनों टेक्सास, अमेरिका में रह कर अदबी ख़िदमात अंजाम दे रही हैं।