अमान हैदर
ग़ज़ल 2
अशआर 2
कुछ इस लिए भी मैं सादा दिखाई पड़ता हूँ
मिरे मिज़ाज में रंग-ए-मु’आशरा नहीं है
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
जो आज बैठे हैं सीने पे चोट खाए हुए
नए नए थे मोहब्बत में तजरबा कम था
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए