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अंजुम सिद्दीक़ी

1945 - 2021 | बहराइच, भारत

ग़ज़ल के शायर, मुशायरों में भी लोकप्रिय

ग़ज़ल के शायर, मुशायरों में भी लोकप्रिय

अंजुम सिद्दीक़ी

ग़ज़ल 5

 

अशआर 6

दिमाग़ उन के तजस्सुस में जिस्म घर में रहा

मैं अपने घर ही में रहते हुए सफ़र में रहा

इक तबस्सुम हज़ार-हा आँसू

इब्तिदा वो थी इंतिहा है ये

आरज़ू की ये सज़ा है कि ज़माना है ख़िलाफ़

उन से मिलने की ख़ुदा जाने सज़ा क्या होगी

मिरी तन्हाई का आलम पूछो

ख़याल-ए-दोस्ताँ है और मैं हूँ

हिज्र की लज़्ज़तों का क्या कहना

वो आएँ मिरी दुआ है ये

पुस्तकें 3

 

"बहराइच" के और शायर

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