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आरज़ू लखनवी

1873 - 1951 | कराची, पाकिस्तान

प्रख्यात पूर्व-आधुनिक शायर, जिगर मुरादाबादी के समकालीन।

प्रख्यात पूर्व-आधुनिक शायर, जिगर मुरादाबादी के समकालीन।

आरज़ू लखनवी के ऑडियो

ग़ज़ल

क्यूँ किसी रह-रौ से पूछूँ अपनी मंज़िल का पता

आरज़ू लखनवी

दूर थे होश-ओ-हवास अपने से भी बेगाना था

आरज़ू लखनवी

दिल में याद-ए-बुत-ए-बे-पीर लिए बैठा हूँ

आरज़ू लखनवी

नज़र उस चश्म पे है जाम लिए बैठा हूँ

आरज़ू लखनवी

मिरी निगाह कहाँ दीद-ए-हुस्न-ए-यार कहाँ

आरज़ू लखनवी

वो सर-ए-बाम कब नहीं आता

आरज़ू लखनवी

हम आज खाएँगे इक तीर इम्तिहाँ के लिए

आरज़ू लखनवी

हुस्न से शरह हुई इश्क़ के अफ़्साने की

आरज़ू लखनवी

शेर

किस ने भीगे हुए बालों से ये झटका पानी

जगजीत सिंह

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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