aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1923 - 2016 | कराची, पाकिस्तान
प्रख्यात साहित्यकार, आलोचक, शोधकर्ता और शायर, पूर्व प्रोफेसर, अध्यक्ष, रजिस्ट्रार कराची यूनिवर्सिटी
जनाब जौन एलिया हमारे अह्द के बड़े ख़ुश-गो और ख़ुश-फ़िक्र शायर हैं। उनके यहाँ जज़्बाती वुफ़ूर के साथ-साथ गहरे शऊर की जो परछाईयाँ मिलती हैं उनकी वजह से जनाब जौन एलिया की शायरी बड़ी क़ाबिल-ए-क़द्र और अहम हो गई है। वो तारीख़ और फ़लसफ़े के बड़े ज़ीरक तालिब-इल्म हैं,
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