अतहर ज़ियाई के शेर
किया था ज़ुल्म तो गुलचीं ने तुम पे अहल-ए-चमन
ये तुम ने आग गुलिस्ताँ को क्यूँ लगा दी है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
मुख़ालिफ़ों ने ख़बर जब कोई उड़ा दी है
तो दोस्तों ने उसे और भी हवा दी है
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड