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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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अज़ीज़ नबील

1976 | क़तर

क़तर में रहनेवाले प्रसिद्ध शायर

क़तर में रहनेवाले प्रसिद्ध शायर

अज़ीज़ नबील के ऑडियो

ग़ज़ल

आँखों के ग़म-कदों में उजाले हुए तो हैं

अज़ीज़ नबील

जिस तरफ़ चाहूँ पहुँच जाऊँ मसाफ़त कैसी

अज़ीज़ नबील

मैं दस्तरस से तुम्हारी निकल भी सकता हूँ

अज़ीज़ नबील

सुब्ह और शाम के सब रंग हटाए हुए हैं

अज़ीज़ नबील

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