Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Baqi Siddiqui's Photo'

बाक़ी सिद्दीक़ी

1905 - 1972 | रावलपिंडी, पाकिस्तान

पाकिस्तान के प्रमुखतम आधुनिक शायरों में शामिल

पाकिस्तान के प्रमुखतम आधुनिक शायरों में शामिल

बाक़ी सिद्दीक़ी का परिचय

उपनाम : ''बाक़ी''

मूल नाम : मुहम्मद अफज़ल कुरैशी

जन्म : 20 Sep 1905 | रावलपिंडी, पंजाब

निधन : 08 Jan 1972

बाक़ी सिद्दीकी पाकिस्तान के अतिप्रसिद्ध आधुनिक शायरों में से हैं. उनकी शायरी को पढ़ते हुए भाषा और विषय के स्तर एक ताज़गी का एहसास होता है. उनकी शायरी के मसाइल व विषय एक चिंतनशील मस्तिष्क का पता देते हैं. मानो एक सोचता हुआ स्रजनात्मक मस्तिष्क ताज़ा डिक्शन के साथ शायरी कर रहा है.

बाक़ी की पैदाइश 20 सितम्बर 1905 को रावलपिंडी में हुई. मुहम्मद अफ़ज़ल नाम था,बाक़ी सिद्दीकी के नाम से मशहूर हुए. पिता का देहांत हो जाने की वजह से घरेलू समस्याओं में घिर गये. 5 साल तक रावलपिंडी के विभिन्न स्कूलों में पढ़ाते रहे. उसका बाद बम्बई चलेगये और कई फ़िल्म कम्पनीयों से सम्बद्ध रहे. इस पेशे से खिन्न होकर वापस वतन आगये. रेडियो पाकिस्तान पेशावर और रावलपिंडी से भी सम्बद्ध रहे. शायरी में कुछ वक़्त तक अब्दुल हमीद अदम से त्रुटियाँ शुद्ध कराई. 8 जनवरी 1972 को देहांत हुआ. उनके काव्य संग्रह जामे जम,’ ‘दारो रसन,’ ‘ज़ख्म-ए-बहार,’ ‘बार-ए-सफ़र,’ ‘शाख-ए-तनहा,’ ‘कितनी देर चराग़ जलाके नाम से प्रकाशित हुए.

 

संबंधित टैग

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए