बशर नवाज़ का परिचय
उपनाम : 'Bashar Nawaz'
मूल नाम : बशारत नवाज़ खां
जन्म : 21 Oct 1935 | औरंगाबाद, महाराष्ट्र
निधन : 09 Jul 2015 | औरंगाबाद, बिहार
करोगे याद तो हर बात याद आएगी
गुज़रते वक़्त की हर मौज ठहर जाएगी
अमीन नवाज़ खां के बेटे,प्रसिद्ध आलोचक,हज्व गो, मुमताज़ शायर और गीतकार बशारत नवाज़ खां साहित्य में बशर नवाज़ के नाम से जाने गए।18 अगस्त 1935 को औरंगाबाद,महाराष्ट्र में पैदा हुए। इंटरमीडिएट तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद स्नातक के लिए हैदराबाद की यात्रा लेकिन उच्च शिक्षा पूरी न हो सकी। शायरी की शुरुआत1953 में हुई और1954 से ही बड़े मुशायरों में आमंत्रित किए जाने लगे। हैदराबाद के मुशायरे में पहली बार उन्हें प्रख्यात प्रगतिशील शायर मख़दूम मुहिउद्दीन ने परिचय करवाया। शेरी संग्रह राएगाँ और अजनबी समंदर के अलावा एक आलोचनात्मक संग्रह नया अदब नए मसाइल उनकी किताबें हैं। नवाज़ प्रगतिशील आंदोलन के प्रमुख शायरों में हैं। वो अपनी नज़्मों के आहंग से भी पहचाने गए। वो एक ज़माने में फिल्मों से भी जुड़े रहे। प्रसिद्ध फिल्म बाजार का गीत करोगे याद तो हर बात याद आएगी उन्हीं का लिखा हुआ है। उनके लिखे हुए गाने मोहम्मद रफी लता मंगेशकर,आशा भोंसले सहित कई बड़े कलाकारों की आवाज में दर्शकों तक पहुंचते रहे हैं। रेडियो के लिए कई नाटक लिखे। टीवी सीरियल अमीर ख़ुसरो का स्क्रिप्ट भी उन्हीं का लिखा हुआ है। देव नागरी में भी उनका कलाम मौजूद है। 9 जुलाई 2015 को उनका निधन हो गया।