बेगम अख़्तर के वीडियो
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                                Begum Akhtar was born in Faizabad Distt, Uttar Pradesh. Begum was only seven when she was captivated by the music of "Chandra Bai" an artist who work with touring group. Rekhta.org present a documentry film on Begum Akhtar's life and work. website: http://rekhta.org facebook: https://www.facebook.com/Rekhtaforum twitter: https://twitter.com/Rekhta youtube: https://www.youtube.com/rekhtashayari बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            बेगम अख़्तर
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                            Dil ki baat kahi nahin jaati बेगम अख़्तर
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                            Door hai manzil raahe mushkil बेगम अख़्तर
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                            Itna to zindagi mein kisi ki khalal pade बेगम अख़्तर
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                            Jab Bhi Nazm-e-Maikada badla बेगम अख़्तर
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                            Jab bhi nazm-e-maikada badla a gaya बेगम अख़्तर
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                            khayal-e-qaaba-o-taibaa kis trah bhulu बेगम अख़्तर
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                            Khushi ne mujhko thukraya बेगम अख़्तर
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                            Na poochh mere naale hain dard bhare बेगम अख़्तर
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                            Na socha na samjha na seekha na janaa बेगम अख़्तर
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                            raah-e-aashiqi Ke mare बेगम अख़्तर
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                            Rasm-e-ulfat sikha gaya koi बेगम अख़्तर
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                            SAHN-E-HARAM KU-E-SANAM CHORD DIYA HAI बेगम अख़्तर
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                            Saqiya Chod Na Khali Mere Paimane ko बेगम अख़्तर
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                            Zameen pe reh ke dimaag बेगम अख़्तर
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                            इब्न-ए-मरियम हुआ करे कोई बेगम अख़्तर
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                            इलाही काश ग़म-ए-इश्क़ काम कर जाए बेगम अख़्तर
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                            इस 'इश्क़ के हाथों से हरगिज़ न मफ़र देखा बेगम अख़्तर
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                            उन की बे-रुख़ी में भी इल्तिफ़ात शामिल है बेगम अख़्तर
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                            कोई ये कह दे गुलशन गुलशन बेगम अख़्तर
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                            ख़ुश हूँ कि मिरा हुस्न-ए-तलब काम तो आया बेगम अख़्तर
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                            ख़ुशी ने मुझ को ठुकराया है दर्द-ओ-ग़म ने पाला है बेगम अख़्तर
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                            गुल फेंके है औरों की तरफ़ बल्कि समर भी बेगम अख़्तर
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                            गुल फेंके है औरों की तरफ़ बल्कि समर भी बेगम अख़्तर
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                            जब भी नज़्म-ए-मै-कदा बदला गया बेगम अख़्तर
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                            जब भी नज़्म-ए-मै-कदा बदला गया बेगम अख़्तर
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                            दुनिया के सितम याद न अपनी ही वफ़ा याद बेगम अख़्तर
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                            न सोचा न समझा न सीखा न जाना बेगम अख़्तर
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                            मिरे हम-नफ़स मिरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे बेगम अख़्तर
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                            सुब्ह के दर्द को रातों की जलन को भूलें बेगम अख़्तर
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                            phir mujhe dida-e-tar yaad aaya बेगम अख़्तर
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                            अब छलकते हुए साग़र नहीं देखे जाते बेगम अख़्तर
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                            अहल-ए-उल्फ़त के हवालों पे हँसी आती है बेगम अख़्तर
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                            आँखों से दूर सुब्ह के तारे चले गए बेगम अख़्तर
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                            इतना तो ज़िंदगी में किसी के ख़लल पड़े बेगम अख़्तर
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                            इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दिया बेगम अख़्तर
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                            इस दर्जा बद-गुमाँ हैं ख़ुलूस-ए-बशर से हम बेगम अख़्तर
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                            उज़्र आने में भी है और बुलाते भी नहीं बेगम अख़्तर
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                            उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया बेगम अख़्तर
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                            ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया बेगम अख़्तर
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                            कुछ तो दुनिया की इनायात ने दिल तोड़ दिया बेगम अख़्तर
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                            क़र्ज़-ए-निगाह-ए-यार अदा कर चुके हैं हम बेगम अख़्तर
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                            कोई उम्मीद बर नहीं आती बेगम अख़्तर
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                            कोई ये कह दे गुलशन गुलशन बेगम अख़्तर
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                            ख़ुश हूँ कि मिरा हुस्न-ए-तलब काम तो आया बेगम अख़्तर
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                            ख़ुशी ने मुझ को ठुकराया है दर्द-ओ-ग़म ने पाला है बेगम अख़्तर
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                            ग़ैरों को भला समझे और मुझ को बुरा जाना बेगम अख़्तर
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                            गुल फेंके है औरों की तरफ़ बल्कि समर भी बेगम अख़्तर
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                            ज़मीं पे रह के दिमाग़ आसमाँ से मिलता है बेगम अख़्तर
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                            ज़िक्र उस परी-वश का और फिर बयाँ अपना बेगम अख़्तर
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                            ज़िंदगी का दर्द ले कर इंक़लाब आया तो क्या बेगम अख़्तर
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                            झुँझलाए हैं लजाए हैं फिर मुस्कुराए हैं बेगम अख़्तर
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                            तबीअत इन दिनों बेगाना-ए-ग़म होती जाती है बेगम अख़्तर
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                            तस्कीं को हम न रोएँ जो ज़ौक़-ए-नज़र मिले बेगम अख़्तर
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                            दर्द मिन्नत-कश-ए-दवा न हुआ बेगम अख़्तर
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                            दाइम पड़ा हुआ तिरे दर पर नहीं हूँ मैं बेगम अख़्तर
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                            दिल की बात कही नहीं जाती चुपके रहना ठाना है बेगम अख़्तर
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                            दीवाना बनाना है तो दीवाना बना दे बेगम अख़्तर
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                            न सुनो मेरे नाले हैं दर्द-भरे दार-ओ-असरे आह-ए-सहरे बेगम अख़्तर
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                            मैं ढूँडता हूँ जिसे वो जहाँ नहीं मिलता बेगम अख़्तर
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                            मासूम नज़र का भोला-पन ललचा के लुभाना क्या जाने बेगम अख़्तर
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                            मिरे नसीब ने जब मुझ से इंतिक़ाम लिया बेगम अख़्तर
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                            मिरे हम-नफ़स मिरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे बेगम अख़्तर
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                            मोहतसिब ने जो निकाला हमें मयख़ाने से बेगम अख़्तर
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                            ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता बेगम अख़्तर
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                            लाई हयात आए क़ज़ा ले चली चले बेगम अख़्तर
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                            वो अदा-ए-दिलबरी हो कि नवा-ए-आशिक़ाना बेगम अख़्तर
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                            वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो बेगम अख़्तर
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                            शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई बेगम अख़्तर
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                            शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई बेगम अख़्तर
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                            सुन तो सही जहाँ में है तेरा फ़साना क्या बेगम अख़्तर
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                            सुब्ह के दर्द को रातों की जलन को भूलें बेगम अख़्तर
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                            सर में सौदा भी नहीं दिल में तमन्ना भी नहीं बेगम अख़्तर
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                            साज़ ये कीना-साज़ क्या जानें बेगम अख़्तर
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                            हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं बेगम अख़्तर
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                            हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं बेगम अख़्तर
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                            हुस्न ग़म्ज़े की कशाकश से छुटा मेरे बा'द बेगम अख़्तर
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                            दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ बेगम अख़्तर
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                            आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक बेगम अख़्तर
 
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                            Begum Akhtar Documentary based on her life and work by Rekhta.org बेगम अख़्तर