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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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बहज़ाद लखनवी

1900 - 1974 | कराची, पाकिस्तान

नात, ग़ज़ल और भजन के ख़ास रंगों के मशहूर शायर । उनकी मशहूर ग़ज़ल ' ए जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूँ ' को कई गायकों ने आवाज़ दी है

नात, ग़ज़ल और भजन के ख़ास रंगों के मशहूर शायर । उनकी मशहूर ग़ज़ल ' ए जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूँ ' को कई गायकों ने आवाज़ दी है

बहज़ाद लखनवी के ऑडियो

ग़ज़ल

ऐ जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूँ हर चीज़ मुक़ाबिल आ जाए

नय्यरा नूर

क्या ये भी मैं बतला दूँ तू कौन है मैं क्या हूँ

नोमान शौक़

तुम्हारे हुस्न की तस्ख़ीर आम होती है

नोमान शौक़

यूँ तो जो चाहे यहाँ साहब-ए-महफ़िल हो जाए

नोमान शौक़

लब पे है फ़रियाद अश्कों की रवानी हो चुकी

नोमान शौक़

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