ऐ जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूँ हर चीज़ मुक़ाबिल आ जाए
मंज़िल के लिए दो गाम चलूँ और सामने मंज़िल आ जाए
प्रसिद्ध शायर और गीतकार बहज़ाद लखनवी एक जनवरी 1900 को लखनऊ में पैदा हुए. सरदार अहमद खां नाम था, बहज़ाद तख़ल्लुस अपनाया. घर का माहौल शैक्षिक व साहित्यिक था. उनके पिता भी अपने समय के लोकप्रिय शायर थे. घर और लखनऊ के अदबी माहौल के असर से बहज़ाद भी छोटी सी उम्र में शे’र कहने लगे थे.
बहज़ाद एक लम्बे अर्से तक रेल विभाग से सम्बद्ध रहे, उसकेबाद आल इंडिया रेडियो में नौकरी करली. इस दौरान कई फ़िल्मी कम्पनीयों से सम्बद्ध होकर गीत भी लिखे. विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गये और रेडियो पाकिस्तान कराची में नौकरी की. बहज़ाद लखनवी का 10 अक्टूबर 1974 को कराची में देहांत हुआ.
काव्य संग्रह: नग़मा-ए-नूर, कैफ़ व सुरूर, मौज-ए-तुहूर, चराग़-ए-तूर, वज्द व हाल.