aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1932 - 2020 | दिल्ली, भारत
मशहूर शायर, अपने दोहों के लिए जाने जाते हैं
आज मुझी पर खुल गया मेरे दिल का राज़
आई है हँसते समय रोने की आवाज़
होगी इक दिन घर मिरे फूलों की बरसात
मैं पगला इस आस में हँसता हूँ दिन रात
आसमान पर छा गई घटा घोर-घनगोर
जाएँ तो जाएँ कहाँ वीराने में शोर
हम जग में कैसे रहे ज़रा दीजिए ध्यान
रात गुज़ारी जिस तरह दुश्मन-घर मेहमान
भीतर क्या क्या हो रहा ऐ दिल कुछ तो बोल
एक आँख रोए बहुत एक हँसे जी खोल
देखा कहीं कबीर
2001
Ganga Jamuna
1993
Ham Kitne Hathon Bike
2008
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