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ग़ज़ल 45
शेर 19
सर जिस पे न झुक जाए उसे दर नहीं कहते
हर दर पे जो झुक जाए उसे सर नहीं कहते
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- ग़ज़ल देखिए
किया तबाह तो दिल्ली ने भी बहुत 'बिस्मिल'
मगर ख़ुदा की क़सम लखनऊ ने लूट लिया
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टैग : लखनऊ
ख़ुश्बू को फैलने का बहुत शौक़ है मगर
मुमकिन नहीं हवाओं से रिश्ता किए बग़ैर
tho fragrance is very fond, to spread around, increase
this is nigh impossible, till it befriends the breeze
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टैग : हवा