बूम मेरठी
ग़ज़ल 12
अशआर 1
उन से छींके से कोई कोई चीज़ उतरवाई है
काम का काम है अंगड़ाई की अंगड़ाई है
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere