aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1984 | हसन अब्दल, पाकिस्तान
नौजवान पाकिस्तानी शायरों में अहम
उस से कुछ ख़ास तअल्लुक़ भी नहीं है अपना
मैं परेशान हुआ जिस की परेशानी पर
उस से मिलना तो उसे ईद-मुबारक कहना
ये भी कहना कि मिरी ईद मुबारक कर दे
अब मुझ को एहतिमाम से कीजे सुपुर्द-ए-ख़ाक
उक्ता चुका हूँ जिस्म का मलबा उठा के मैं
मैं जब मैदान ख़ाली कर के आया
मिरा दुश्मन अकेला रह गया था
उसे किसी से मोहब्बत न थी मगर उस ने
गुलाब तोड़ के दुनिया को शक में डाल दिया
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2017
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