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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Ejaaz Ahamd's Photo'

एजाज़ अहमद

1932

एजाज़ अहमद के शेर

यहाँ तो रोज़ नई आफ़तों से पाला है

'हुसैन' कितने अब आएँगे कर्बला के लिए

रह-ए-हयात में लाखों थे हम-सफ़र 'एजाज़'

किसी को याद रखा और किसी को भूल गए

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