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एजाज़ रहमानी

1936 - 2019 | कराची, पाकिस्तान

एजाज़ रहमानी

ग़ज़ल 11

नज़्म 1

 

अशआर 6

गुज़र रहा हूँ मैं सौदा-गरों की बस्ती से

बदन पे देखिए कब तक लिबास रहता है

जहाँ पे डूब गया मेरी आस का सूरज

उसी जगह वो सितारा-शनास रहता है

तालाब तो बरसात में हो जाते हैं कम-ज़र्फ़

बाहर कभी आपे से समुंदर नहीं होता

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फ़ितरत के तक़ाज़े कभी बदले नहीं जाते

ख़ुश्बू है अगर वो तो बिखरना ही पड़ेगा

वो एक पल की रिफ़ाक़त भी क्या रिफ़ाक़त थी

जो दे गई है मुझे उम्र भर की तन्हाई

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पुस्तकें 2

 

चित्र शायरी 1

 

वीडियो 8

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शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

एजाज़ रहमानी

एजाज़ रहमानी

एजाज़ रहमानी

एजाज़ रहमानी

एजाज़ रहमानी

एजाज़ रहमानी

हँसी लबों पे सजाए उदास रहता है

एजाज़ रहमानी

हवा के वास्ते इक काम छोड़ आया हूँ

एजाज़ रहमानी

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