फ़ानी जोधपूरी के शेर
बने हुए हैं अजाएब-घरों की ज़ीनत हम
पर अपने वास्ते अपना ही दर नहीं खुलता
- अपने फ़ेवरेट में शामिल कीजिए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere