Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

फ़रह ख़ान

ग़ज़ल 7

अशआर 8

नहीं नसीब में मंज़िल तो रास्ते क्यों हैं

तवील-तर ये जुदाई के सिलसिले क्यों हैं

  • शेयर कीजिए

इस तेरी मोहब्बत में मिला कुछ भी नहीं है

मैं जान गई हूँ कि सिला कुछ भी नहीं है

  • शेयर कीजिए

उस का मिलना है अजब तरह का मुझ से मिलना

दश्त-ए-इम्कान में हो फूलों का जैसे खिलना

  • शेयर कीजिए

मिल ही जाओगे मुझे वक़्त की गर्दिश से परे

बस ज़रा जिस्म की दीवार गिरानी होगी

  • शेयर कीजिए

हम भूल गए अहद-ओ-करम तेरे सितम भी

अब तुझ से ज़माने से गिला कुछ भी नहीं है

  • शेयर कीजिए

पुस्तकें 1

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए