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फ़रीदा ख़ानम

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फ़रीदा ख़ानम

फ़रीदा ख़ानम

फ़रीदा ख़ानम

फ़रीदा ख़ानम

फ़रीदा ख़ानम

फ़रीदा ख़ानम

फ़रीदा ख़ानम

फ़रीदा ख़ानम

फ़रीदा ख़ानम

फ़रीदा ख़ानम

Aafat ki shokhiya.n hai.n tumhaari nigaah mein

फ़रीदा ख़ानम

Gulon Ki Baat Karo Gul Rukho Ki Bat Karo

फ़रीदा ख़ानम

Tum Aur Fareb Khao Bayan-e-Raqeeb Se

फ़रीदा ख़ानम

Tum Naghma-e-Maah Ho Anjum Ho

फ़रीदा ख़ानम

आशियाने की बात करते हो

फ़रीदा ख़ानम

उज़्र आने में भी है और बुलाते भी नहीं

फ़रीदा ख़ानम

ख़्वाब ही ख़्वाब कब तलक देखूँ

फ़रीदा ख़ानम

ग़म-नसीबों को किसी ने तो पुकारा होगा

फ़रीदा ख़ानम

गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए

फ़रीदा ख़ानम

चाँद निकले किसी जानिब तिरी ज़ेबाई का

फ़रीदा ख़ानम

चोरी कहीं खुले न नसीम-ए-बहार की

फ़रीदा ख़ानम

जमेगी कैसे बिसात-ए-याराँ कि शीशा ओ जाम बुझ गए हैं

फ़रीदा ख़ानम

जल भी चुके परवाने हो भी चुकी रुस्वाई

फ़रीदा ख़ानम

तुम और फ़रेब खाओ बयान-ए-रक़ीब से

फ़रीदा ख़ानम

तुम और फ़रेब खाओ बयान-ए-रक़ीब से

फ़रीदा ख़ानम

दिल की बात लबों पर ला कर अब तक हम दुख सहते हैं

फ़रीदा ख़ानम

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के

फ़रीदा ख़ानम

बेचैन बहुत फिरना घबराए हुए रहना

फ़रीदा ख़ानम

बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी

फ़रीदा ख़ानम

मुद्दत हुई है यार को मेहमाँ किए हुए

फ़रीदा ख़ानम

मस्तों पे उँगलियाँ न उठाओ बहार में

फ़रीदा ख़ानम

ये क्या कि इक जहाँ को करो वक़्फ़-ए-इज़्तिराब

फ़रीदा ख़ानम

ये क्या कि इक जहाँ को करो वक़्फ़-ए-इज़्तिराब

फ़रीदा ख़ानम

यूँ सजा चाँद कि झलका तिरे अंदाज़ का रंग

फ़रीदा ख़ानम

वो मुझ से हुए हम-कलाम अल्लाह अल्लाह

फ़रीदा ख़ानम

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई

फ़रीदा ख़ानम

dildar dekhna

तूफ़ाँ ब-दिल है हर कोई दिलदार देखना फ़रीदा ख़ानम

hum par jafa se tark-e-wafa ka guman nahin

फ़रीदा ख़ानम

ibn-e-maryam hua kare koi

फ़रीदा ख़ानम

असर उस को ज़रा नहीं होता

फ़रीदा ख़ानम

आज ही महफ़िल सर्द पड़ी है आज ही दर्द फ़रावाँ है

फ़रीदा ख़ानम

इश्क़ मुझ को नहीं वहशत ही सही

फ़रीदा ख़ानम

कुछ इश्क़ था कुछ मजबूरी थी सो मैं ने जीवन वार दिया

फ़रीदा ख़ानम

क्या हुआ जो सितारे चमकते नहीं दाग़ दिल के फ़रोज़ाँ करो दोस्तो

फ़रीदा ख़ानम

कैसे गुज़र सकेंगे ज़माने बहार के

फ़रीदा ख़ानम

कौन उस राह से गुज़रता है

फ़रीदा ख़ानम

ग़ज़ब किया तिरे वा'दे पे ए'तिबार किया

फ़रीदा ख़ानम

गर्मी-ए-हसरत-ए-नाकाम से जल जाते हैं

फ़रीदा ख़ानम

गर्मी-ऐ-शौक़-ऐ-नज़ारा का असर तो देखो

फ़रीदा ख़ानम

गिरफ़्ता-दिल हैं बहुत आज तेरे दीवाने

फ़रीदा ख़ानम

गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए

फ़रीदा ख़ानम

चमन मैं रंग-ए-बहार उतरा तो मैं ने देखा

फ़रीदा ख़ानम

चाँद निकले किसी जानिब तिरी ज़ेबाई का

फ़रीदा ख़ानम

जमेगी कैसे बिसात-ए-याराँ कि शीशा ओ जाम बुझ गए हैं

फ़रीदा ख़ानम

जल्वा-सामाँ है रंग-ओ-बू हम से

फ़रीदा ख़ानम

जल्वा-सामाँ है रंग-ओ-बू हम से

फ़रीदा ख़ानम

जाने किस की थी ख़ता याद नहीं

फ़रीदा ख़ानम

न किसी पे ज़ख़्म अयाँ कोई न किसी को फ़िक्र रफ़ू की है

फ़रीदा ख़ानम

न गँवाओ नावक-ए-नीम-कश दिल-ए-रेज़ा-रेज़ा गँवा दिया

फ़रीदा ख़ानम

ना-रवा कहिए ना-सज़ा कहिए

फ़रीदा ख़ानम

बेचैन बहुत फिरना घबराए हुए रहना

फ़रीदा ख़ानम

मैं ने जब लिखना सीखा था

फ़रीदा ख़ानम

मैं नज़र से पी रहा हूँ ये समाँ बदल न जाए

फ़रीदा ख़ानम

मोहब्बत करने वाले कम न होंगे

फ़रीदा ख़ानम

याद-ए-ग़ज़ाल-चश्माँ ज़िक्र-ए-समन-अज़ाराँ

फ़रीदा ख़ानम

या-रब ग़म-ए-हिज्राँ में इतना तो किया होता

फ़रीदा ख़ानम

या-रब ग़म-ए-हिज्राँ में इतना तो किया होता

फ़रीदा ख़ानम

रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ

फ़रीदा ख़ानम

राह आसान हो गई होगी

फ़रीदा ख़ानम

लुत्फ़ वो इश्क़ में पाए हैं कि जी जानता है

फ़रीदा ख़ानम

वो कभी मिल जाएँ तो क्या कीजिए

फ़रीदा ख़ानम

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई

फ़रीदा ख़ानम

सू-ए-मय-कदा न जाते तो कुछ और बात होती

फ़रीदा ख़ानम

सब क़त्ल हो के तेरे मुक़ाबिल से आए हैं

फ़रीदा ख़ानम

सब क़त्ल हो के तेरे मुक़ाबिल से आए हैं

फ़रीदा ख़ानम

साज़ ये कीना-साज़ क्या जानें

फ़रीदा ख़ानम

हुई ताख़ीर तो कुछ बाइस-ए-ताख़ीर भी था

फ़रीदा ख़ानम

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

फ़रीदा ख़ानम

हाल ऐसा नहीं कि तुम से कहें

फ़रीदा ख़ानम

मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे

फ़रीदा ख़ानम

वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो

फ़रीदा ख़ानम

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Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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