मूल नाम : गोपालदास सक्सेना
जन्म : 04 Jan 1925 | इटावा, उत्तर प्रदेश
निधन : 19 Jul 2018
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए
जिस में इंसान को इंसान बनाया जाए
गोपालदास नीरज (4 जनवरी 1925 - 19 जुलाई 2018), हिंदी के प्रसिद्ध गीतकारों में शुमार हैं। उस दौर में जब कवि सम्मेलनों को व्यापक प्रतिष्ठा प्राप्त थी, नीरज काफ़ी लोकप्रिय हुए और उन्होंने अपने गीतों से आम-जन को बहुत प्रभावित किया। उन्होंने लिखे फ़िल्मी गीत भी बेहद मशहूर रहे। उन्हें तीन बार फ़िल्म फेयर अवार्ड से नवाज़ा गया। उनके लिखे गीतों में ‘लिखे जो ख़त तुझे...’, ‘कारवाँ गुज़र गया...’, ‘शोखियों में घोला जाए...’ विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। इनके प्रमुख कविता-संग्रह हैं : संघर्ष (1944), अंतर्ध्वनि (1946), विभावरी (1948), प्राणगीत (1951), दर्द दिया है (1956), बादर बरस गयो (1957), नीरज की पाती (1958), कारवाँ गुजर गया (1964), फिर दीप जलेगा (1970)