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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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पाकिस्तान की अहम शायरात में शामिल

पाकिस्तान की अहम शायरात में शामिल

हुमैरा रहमान

ग़ज़ल 41

नज़्म 2

 

अशआर 9

वो लम्हा जब मिरे बच्चे ने माँ पुकारा मुझे

मैं एक शाख़ से कितना घना दरख़्त हुई

रौशन-दान से धूप का टुकड़ा कर मेरे पास गिरा

और फिर सूरज ने कोशिश की मुझ से आँख मिलाने की

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हम और तुम जो बदल गए तो इतनी हैरत क्या

अक्स बदलते रहते हैं आईनों की ख़ातिर

लोगो! हम परदेसी हो कर जाने क्या क्या खो बैठे

अपने कूचे भी लगते हैं बेगाने बेगाने से

मिरी अलमारियों में क़ीमती सामान काफ़ी था

मगर अच्छा लगा उस से कई फ़रमाइशें करना

पुस्तकें 3

 

वीडियो 7

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वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

हुमैरा रहमान

At a Mushaira organized by NED Alumni Association of Tri-State (NEDATS)

हुमैरा रहमान

Karachi gymkhana Aalami mushaira

हुमैरा रहमान

फ़सील शहर की इतनी बुलंद ओ सख़्त हुई

हुमैरा रहमान

हवा की तेज़-गामियों का इंकिशाफ़ क्या करें

हुमैरा रहमान

ऑडियो 4

इन लफ़्ज़ों में ख़ुद को ढूँडूँगी मैं भी

ज़रा सी बात पर नाराज़ होना रंजिशें करना

तबीअत इन दिनों औहाम की उन मंज़िलों पर है

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