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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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इब्न-ए-इंशा

1927 - 1978 | कराची, पाकिस्तान

पाकिस्तानी शायर , अपनी ग़ज़ल ' कल चौदहवीं की रात ' थी , के लिए प्रसिद्ध

पाकिस्तानी शायर , अपनी ग़ज़ल ' कल चौदहवीं की रात ' थी , के लिए प्रसिद्ध

इब्न-ए-इंशा की ग़ज़लें

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