इक़बाल मतीन
कहानी 5
अशआर 1
रात ख़्वाब में मैं ने अपनी मौत देखी थी
इतने रोने वालों में तुम नज़र नहीं आए
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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere