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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

इरफ़ान अहमद

ग़ज़ल 5

 

अशआर 8

अकेले पार उतर के बहुत है रंज मुझे

मैं उस का बोझ उठा कर भी तैर सकता था

उजलत में आसमान से आगे निकल गया

मैं अपने ही मकान से आगे निकल गया

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जाने किस शहर में आबाद है तू

हम हैं बर्बाद यहाँ तेरे बाद

तर्क-ए-तअल्लुक़ात की बस इंतिहा पूछ

अब के तो मैं ने तर्क किया अपने आप को

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नश्शा था ज़िंदगी का शराबों से तेज़-तर

हम गिर पड़े तो मौत उठा ले गई हमें

पुस्तकें 8

 

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