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Irshad Khan Sikandar's Photo'

इरशाद ख़ान सिकंदर

1983 | दिल्ली, भारत

नवोदित शायरों में प्रमुख आवाज़

नवोदित शायरों में प्रमुख आवाज़

इरशाद ख़ान सिकंदर के ऑडियो

ग़ज़ल

आँखों की दहलीज़ पे आ कर बैठ गई

इरशाद ख़ान सिकंदर

छाँव अफ़्सोस दाइमी न रही

इरशाद ख़ान सिकंदर

तिरे कूचे में जो बैठा है पागल

इरशाद ख़ान सिकंदर

दिल ओ नज़र में तिरे रूप को बसाता हुआ

इरशाद ख़ान सिकंदर

बुझे हो, हाथ मायूसी लगी है क्या

इरशाद ख़ान सिकंदर

बंद दरवाज़े खुले रूह में दाख़िल हुआ मैं

इरशाद ख़ान सिकंदर

बहुत चुप हूँ कि हूँ चौंका हुआ मैं

इरशाद ख़ान सिकंदर

बाँधते शायरी में हो तिल को

इरशाद ख़ान सिकंदर

रिश्ता बहाल काश फिर उस की गली से हो

इरशाद ख़ान सिकंदर

हौसला भले न दो उड़ान का

इरशाद ख़ान सिकंदर

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