aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1918 - 2004 | दिल्ली, भारत
महत्वपूर्ण उर्दू स्कालर और शायर , पाकिस्तान का पहला राष्ट्रगान लिखा
किनारे ही से तूफ़ाँ का तमाशा देखने वाले
किनारे से कभी अंदाज़ा-ए-तूफ़ाँ नहीं होता
इब्तिदा ये थी कि मैं था और दा'वा इल्म का
इंतिहा ये है कि इस दा'वे पे शरमाया बहुत
नींद क्या है ज़रा सी देर की मौत
मौत क्या क्या है तमाम उम्र की नींद
सुकून-ए-दिल जहान-ए-बेश-ओ-कम में ढूँडने वाले
यहाँ हर चीज़ मिलती है सुकून-ए-दिल नहीं मिलता
हम ने बुरा भला ही सही काम तो किया
तुम को तो ए'तिराज़ ही करने का शौक़ था
1951 ka Behtareen Adab
1951
१९५१ का बेहतरीन अदब
Aankhen Tarastiyan Hain
1981
Aazad
1957
Abul Kalam Azad
अबुल कलाम आज़ाद
Ajanta
अजन्ता
1993
An Alien In Native Land
Watan Mein Ajnabi
2004
ढूँढने पर भी न मिलता था मुझे अपना वजूद मैं तलाश-ए-दोस्त में यूँ बे-निशाँ था दोस्तो
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