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Jaleel Manikpuri's Photo'

जलील मानिकपूरी

1866 - 1946 | हैदराबाद, भारत

सबसे लोकप्रिय उत्तर क्लासिकी शायरों में प्रमुख/अमीर मीनाई के शार्गिद/दाग़ देहलवी के बाद हैदराबाद के राज-कवि

सबसे लोकप्रिय उत्तर क्लासिकी शायरों में प्रमुख/अमीर मीनाई के शार्गिद/दाग़ देहलवी के बाद हैदराबाद के राज-कवि

जलील मानिकपूरी के ऑडियो

ग़ज़ल

कहाँ हम और कहाँ अब शराब-ख़ाना-ए-इश्क़

फ़हद हुसैन

उस का जल्वा जो कोई देखने वाला होता

फ़सीह अकमल

ज़ालिम बुतों से आँख लगाई न जाएगी

फ़सीह अकमल

देखा जो हुस्न-ए-यार तबीअत मचल गई

फ़सीह अकमल

न ख़ुशी अच्छी है ऐ दिल न मलाल अच्छा है

फ़सीह अकमल

निगाह बर्क़ नहीं चेहरा आफ़्ताब नहीं

फ़सीह अकमल

मज़े बेताबियों के आ रहे हैं

फ़सीह अकमल

मरने वाले ख़ूब छूटे गर्दिश-ए-अय्याम से

फ़सीह अकमल

मेरी वहशत का जो अफ़्साना बनाया होता

फ़सीह अकमल

मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल दिल से मिलता है

फ़सीह अकमल

ये रंग गुलाब की कली का

फ़सीह अकमल

हमारा दिल वो गुल है जिस को ज़ुल्फ़-ए-यार में देखा

फ़सीह अकमल

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