Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Jan Nisar Akhtar's Photo'

जाँ निसार अख़्तर

1914 - 1976 | मुंबई, भारत

महत्वपूर्ण प्रगतिशील शायर और फ़िल्म गीतकार। फ़िल्म गीतकार जावेद अख़्तर के पिता

महत्वपूर्ण प्रगतिशील शायर और फ़िल्म गीतकार। फ़िल्म गीतकार जावेद अख़्तर के पिता

जाँ निसार अख़्तर के ऑडियो

ग़ज़ल

अच्छा है उन से कोई तक़ाज़ा किया न जाए

नोमान शौक़

अशआ'र मिरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं

नोमान शौक़

अशआ'र मिरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं

जावेद नसीम

आज मुद्दत में वो याद आए हैं

नोमान शौक़

आहट सी कोई आए तो लगता है कि तुम हो

नोमान शौक़

उफ़ुक़ अगरचे पिघलता दिखाई पड़ता है

नोमान शौक़

ऐ दर्द-ए-इश्क़ तुझ से मुकरने लगा हूँ मैं

नोमान शौक़

जब लगें ज़ख़्म तो क़ातिल को दुआ दी जाए

नोमान शौक़

ज़मीं होगी किसी क़ातिल का दामाँ हम न कहते थे

नोमान शौक़

ज़ुल्फ़ें सीना नाफ़ कमर

नोमान शौक़

तुम्हारे जश्न को जश्न-ए-फ़रोज़ाँ हम नहीं कहते

नोमान शौक़

तमाम उम्र अज़ाबों का सिलसिला तो रहा

नोमान शौक़

दीदा ओ दिल में कोई हुस्न बिखरता ही रहा

नोमान शौक़

बहुत दिल कर के होंटों की शगुफ़्ता ताज़गी दी है

नोमान शौक़

मय-कशी अब मिरी आदत के सिवा कुछ भी नहीं

नोमान शौक़

माना कि रंग रंग तिरा पैरहन भी है

नोमान शौक़

मौज-ए-गुल मौज-ए-सबा मौज-ए-सहर लगती है

नोमान शौक़

लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से

नोमान शौक़

वो लोग ही हर दौर में महबूब रहे हैं

नोमान शौक़

सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी

नोमान शौक़

हम से भागा न करो दूर ग़ज़ालों की तरह

नोमान शौक़

हर एक रूह में इक ग़म छुपा लगे है मुझे

नोमान शौक़

ज़िंदगी तुझ को भुलाया है बहुत दिन हम ने

अमीता परसुराम मीता

नज़्म

ख़ाक-ए-दिल

नोमान शौक़

गर्ल्स कॉलेज की लारी

नोमान शौक़

तजज़िया

नोमान शौक़

मज़दूर औरतें

नोमान शौक़

मौहूम अफ़्साने

नोमान शौक़

रौशनियाँ

नोमान शौक़

लौह-ए-मज़ार

नोमान शौक़

हव्वा की बेटी

नोमान शौक़

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए