जतीन्द्र वीर यख़मी ’जयवीर
ग़ज़ल 10
अशआर 6
ख़ूब गहरी जो लगी चोट तो हम ने जाना
वक़्त लगता है किसी दर्द को जाते जाते
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
दुख कटे ज़हमत कटे कट जाए बद-हाली सभी
वक़्त काटे ना कटे तो क्या करें किस से कहें
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
लाख चाहा कि हो पहचान कोई अपनी भी
काश हम आप के ही नाम से जाने जाते
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
वो नहीं आज-कल ख़फ़ा हम से
कोई निकला है रास्ता शायद
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए